प्रेम की अगन, चाहत की धुन

Hindi Poetry

5/5/20251 min read

black blue and yellow textile
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प्रेम की अगन, चाहत की धुन

हृदय में दबी एक मीठी सी आग है,

नयन में बसी प्रिय की अनुराग है।

मन बावरा सपनों में खोया रहे,

मिलन की मधुर एक आस जागे।

तन पुलकित हो जब छुए पवन,

प्रिय की छुअन का होता गुमान।

हर धड़कन में उसका ही नाम,

विरह की घड़ी भी लगती है शाम।

ये कैसी तलब, ये कैसी प्यास है,

हर पल प्रिय मिलन की ही आस है।

जलता है मन विरह की ज्वाला में,

बुझेगी ये कब, यही विश्वास है।

नैनों में छलकता है जो ये नूर,

चाहत ही तो है, नहीं है ये क्रूर।

प्रेम की राहों में बिखरे हैं फूल,

कभी काँटों का भी होता है शूल।

समर्पित है ये जीवन, ये मन,

प्रिय के चरणों में हर क्षण।

कामना बस इतनी सी है मन में,

बनी रहे ये प्रीत जीवन भर।