अनकही बातें

आँखों में तेरी देखूँ, तो खो सा जाता हूँ, दिल की ये बातें, कैसे कहूँ, समझ ना पाता हूँ। लबों पे आकर, रुक जाती हैं ये सदाएँ, अनकही बातों का, ये कैसा है सिलसिला? तेरी एक मुस्कान, जैसे खिलता हुआ गुलाब, दिल में मेरे जगाती है, अनगिनत ख्वाब। चाँदनी रातों में, तेरी यादें सताती हैं, बिन तेरे ये साँसें, अधूरी रह जाती हैं। तू जो पास हो, तो सब कुछ है सुहाना, दूर हो जो तू, तो हर पल है वीराना। दिल की ये धड़कन, बस तेरा ही नाम लेती है, तेरी मोहब्बत में, ये दुनिया भी प्यारी लगती है। तेरी हर बात, मेरे दिल को छू जाती है, तेरी खामोशी भी, बहुत कुछ कह जाती है। ये कैसा रिश्ता है, जो तुझसे जुड़ा है, बिन तेरे ये जीवन, अधूरा सा लगता है।

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3/12/20251 min read

man in gray jacket and black backpack standing on green grass field near mountain during daytime
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